दुर्ग: दुकान की छत और फॉल्स सीलिंग गिरने से बड़ा हादसा, दो कर्मचारी गंभीर रूप से घायल

दुर्ग: दुकान की छत और फॉल्स सीलिंग गिरने से बड़ा हादसा, दो कर्मचारी गंभीर रूप से घायल

दुर्ग। जिले के पावर भिलाई क्षेत्र में बुधवार दोपहर एक बड़ा हादसा हो गया। चेम्बर ऑफ कॉमर्स के मंत्री मनोहर कृष्नानी के स्वामित्व वाले जग्सन इंटरप्राइजेस में अचानक दुकान की छत का हिस्सा और फॉल्स सीलिंग टूटकर दो कर्मचारियों पर गिर पड़ी। हादसे में दोनों कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।

गनीमत रही कि घटना के समय दुकान में अधिक भीड़ नहीं थी, अन्यथा स्थिति भयावह हो सकती थी।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हादसा दोपहर करीब 1:30 बजे हुआ। अचानक बिना चेतावनी छत का बड़ा हिस्सा गिरने से दुकान के अंदर अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान दो कर्मचारी मलबे की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गए। आसपास मौजूद लोग और अन्य कर्मचारी तुरंत उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचे।इस हादसे का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि किस तरह से छत गिरने के बाद कर्मचारी दब गए और भगदड़ मच गई।

घटना के बाद आसपास के व्यापारियों में डर का माहौल है। कई लोगों ने कहा कि यदि यह दुर्घटना ग्राहकों की भीड़ में होती तो बड़ी जनहानि हो सकती थी।यह घटना भवनों की सुरक्षा और रखरखाव पर गंभीर सवाल खड़े करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि पुराने भवनों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में समय-समय पर छत और फॉल्स सीलिंग की जांच व मरम्मत बेहद जरूरी है। स्थानीय व्यापारियों ने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे भवनों की नियमित सुरक्षा जांच करवाई जाए।दुकान मालिक मनोहर कृष्नानी ने हादसे पर दुख जताते हुए कहा कि घायलों के इलाज का पूरा खर्च वे स्वयं उठाएंगे और भवन की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आवश्यक सुधार करेंगे।

उन्होंने कर्मचारियों से भी आग्रह किया कि किसी भी तकनीकी खराबी की सूचना तुरंत प्रबंधन को दें।प्रशासन ने घटना के बाद संबंधित विभाग को मौके का निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। अधिकारियों ने कहा कि भवन की मजबूती और सुरक्षा मानकों की जांच की जाएगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।यह हादसा एक बार फिर यह याद दिलाता है कि कर्मचारियों और आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना किसी भी व्यापारिक प्रतिष्ठान की प्राथमिक जिम्मेदारी है। प्रशासन और भवन मालिकों को मिलकर सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देनी होगी ताकि भविष्य में ऐसे हादसे टाले जा सकें।

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