प्रदेश में बड़ी कार्यवाही : 53 हजार से ज्यादा अपात्र राशन कार्ड धारकों के नाम होंगे निरस्तबड़ी जमीन रखने वालों और टैक्स भरने वालों पर भी गिरेगी गाज
दुर्ग। प्रदेश में फर्जी और अपात्र राशन कार्ड धारकों पर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने बड़ी कार्यवाही शुरू कर दी है। पूरे राज्य में चलाए गए सत्यापन अभियान में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। कई कार्डधारक मृत पाए गए, तो कुछ अन्य राज्यों में बस चुके हैं।अब तक 53,234 संदिग्ध सदस्यों के नाम राशन कार्ड से निरस्त किए जाने की तैयारी है। इनमें सबसे ज्यादा रायपुर जिले के 9,233 सदस्य शामिल हैं, जबकि दुर्ग जिले में 6,319 नाम हटाए जाने वाले हैं।
पहले चरण में राज्यभर से 1.93 लाख सदस्यों के नाम पहले ही हटाए जा चुके हैं। केंद्र सरकार के निर्देशानुसार सभी कार्डधारकों की ई-केवाईसी कराई जानी थी, पर समय पर प्रक्रिया पूरी न करने वालों को संदिग्ध सूची में डाला गया था।विभाग अब आय, टैक्स और भूमि स्वामित्व के आधार पर छंटनी करेगा। जिन परिवारों की वार्षिक आय ₹6 लाख से अधिक है, आयकर जमा करते हैं, या जिनके पास 5 एकड़ से अधिक कृषि भूमि है — उनके नाम भी राशन कार्ड से हटाए जाएंगे।खाद्य नियंत्रक भूपेंद्र मिश्रा ने बताया कि रायपुर जिले में 19 हजार से अधिक सदस्यों के नाम पहले ही निरस्त किए जा चुके हैं और शेष की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
जिलावार आंकड़े
:रायपुर – 9,233
दुर्ग – 6,319
सरगुजा – 7,178
जशपुर – 6,007
बस्तर – 4,879
बिलासपुर – 3,000
बलरामपुर – 3,044
महासमुंद – 2,722
बलौदाबाजार – 2,248
कवर्धा – 1,773
मनेंद्रगढ़ – 1,240
अन्य जिलों में भी सैकड़ों नाम निरस्तीकरण की सूची में हैं।सरकार का कहना है कि यह कदम सस्ती राशन व्यवस्था को पारदर्शी और पात्र परिवारों तक सीमित करने की दिशा में बड़ा सुधार है। अपात्रों पर सख्ती जारी रहेगी ताकि “अन्न का हक केवल योग्य गरीब परिवारों” को ही मिल सके।