दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ में ED और सीबीआई की छापेमारी और तफ्तीश के बीच ऑनलाइन बेटिंग ऐप (सट्टा) कारोबार को लेकर अदालत ने सख्ती दिखाई है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार, गृहसचिव समेत अन्य को शपथपत्र के साथ जवाब दाखिल करने के लिए कहा है।

शपथपत्र में जवाब तलब किया है।शपथपत्र में यह भी बताना होगा कि महादेव बुक ऐप के बाद इस प्रकार के अन्य बेटिंग एप्स के खिलाफ पुलिस ने अब तक क्या कार्रवाई की है ? शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तल्खी के साथ कहा कि कई लोग आज बगैर मेहनत के पैसा कमाना चाहते हैं। दरअसल, वरिष्ठ पत्रकार सुनील नामदेव की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने केंद्र एवं राज्य के अलावा बेटिंग ऐप प्रतिवादियों को भी तलब कर लिया है। जनहित याचिका में छत्तीसगढ़ में बेरोक-टोक जारी ऑनलाइन बेटिंग ऐप के खिलाफ पाबंदी की मांग की गई है।इसके पूर्व हुई सुनवाई में वरिष्ठ एडवोकेट अमृतों दास ने जनहित याचिका के तथ्यों से अवगत कराते हुए अदालत के संज्ञान में लाया था कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार ऑनलाइन सट्टेबाजी पर प्रतिबंध लगाती है, जबकि ऑनलाइन गेमिंग ऐप के जरिये प्रतिवादी छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का उल्लंघन कर रहे हैं।छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता महान भारत श्रीवास्तव ने अपनी दलीलों में बताया कि शासन ने कई ऐसी वेबसाइट्स और ऐप को ब्लॉक किया है, जो लोगों को सट्टा लगाने के लिए प्रेरित करते हैं। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने केंद्र एवं राज्य सरकार, गृह सचिव समेत अन्य प्रतिवादियों को शपथपत्र पेश करने के निर्देश देते हुए कहा है कि हलफनामे में ऑनलाइन गेम ऐप के सबंध में जो कार्रवाई की जा रही है, उसका उल्लेख किया जायेगा। गृह सचिव को अपना व्यक्तिगत शपथपत्र देने के निर्देश दिए गए है। मामले की अगली सुनवाई 6 मई को तय की गई है।