क्या अतिक्रमण पर महापौर अलका वाघमार की कार्रवाई केवल दिखावा?
दुर्ग शहर में अतिक्रमण की बढ़ती समस्या पर सवाल
दुर्ग।दुर्ग नगर पालिक निगम की महापौर श्रीमती अलका वाघमार द्वारा अतिक्रमण हटाने को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत इससे उलट नजर आ रही है। पिछले दो महीनों में शहर में अतिक्रमण की स्थिति और भी विकराल हो गई है।शहर के भीतरी हिस्सों और अपेक्षाकृत कम भीड़भाड़ वाले इलाकों में कार्रवाई का दिखावा जरूर किया जा रहा है, लेकिन प्रमुख और संवेदनशील इलाकों में स्थिति जस की तस बनी हुई है।
महापौर के सरकारी निवास कार्यालय से महज 100 मीटर की दूरी पर स्थित समृद्धि बाजार के सामने हॉकी मैदान की बाउंड्री वॉल से लगे स्थान पर अतिक्रमणकारियों ने खुलेआम कब्जा कर लिया है। इसके बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे महापौर की निष्क्रियता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।महत्वपूर्ण इलाकों में अतिक्रमण की भरमारसाईं द्वार चौक के सामने, जहां आए दिन महापौर का आना-जाना होता है, वहां फल विक्रेताओं और नारियल पानी वालों का कब्जा बढ़ता जा रहा है।
यह क्षेत्र अब दुर्घटना संभावित क्षेत्र बन गया है, लेकिन इस पर भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की गई।इसी तरह सुराना कॉलेज के सामने चौक और विश्वदीप स्कूल मार्ग पर भी अतिक्रमण का आलम है, जिससे यातायात बाधित हो रहा है।
प्रेस विज्ञप्ति बनाम जमीनी हकीकत नगर निगम की ओर से लगातार प्रेस विज्ञप्तियां जारी कर यह दावा किया जा रहा है कि अतिक्रमण पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। लेकिन जमीनी स्तर पर हालात अलग हैं। शहर के कई मुख्य चौराहों और व्यस्ततम मार्गों पर अवैध रूप से दुकानें संचालित की जा रही हैं, जो न सिर्फ यातायात को बाधित कर रही हैं बल्कि दुर्घटनाओं का कारण भी बन रही हैं।
जनता में बढ़ रही नाराजगीस्थानीय नागरिकों में इस बात को लेकर गहरा आक्रोश है कि जब महापौर निवास के आसपास के इलाकों में ही अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है, तो शहर के अन्य हिस्सों का क्या हाल होगा। लोग सवाल उठा रहे हैं कि महापौर अलका वाघमार केवल प्रेस विज्ञप्तियों और दिखावटी कार्यवाहियों के जरिए वाहवाही लूटने में लगी हैं या वास्तव में शहर से अतिक्रमण समाप्त करने को लेकर गंभीर हैं?
दुर्ग शहर में बढ़ते अतिक्रमण और महापौर की निष्क्रियता ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या नगर निगम की कार्रवाई महज दिखावा बनकर रह गई है? क्या निगम प्रशासन की घोषणाएं केवल कागजों तक सीमित हैं?इन सवालों का जवाब जनता को महापौर अलका वाघमार और निगम प्रशासन से चाहिए।