बेमेतरा में सांप के काटने से महिला की मौत, झाड़-फूंक की आदत बनी जानलेवा
छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के ग्राम भैसा में गुरुवार की सुबह एक दर्दनाक घटना घटी, जहां 50 वर्षीय महिला सरस्वती साहू की जान सांप के काटने से चली गई। महिला अपने घर के आंगन में चूल्हा पर खाना बना रही थी, तभी अचानक एक जहरीले सांप ने उसकी हथेली पर काट लिया। सरस्वती ने तेज आवाज में परिवार वालों को बुलाया और बताया कि उसे सांप ने काट लिया है।परिवार ने पहले पारंपरिक तंत्र-मंत्र और झाड़-फूंक का सहारा लिया, जिससे इलाज में कीमती समय बर्बाद हो गया।

काफी देर बाद जब सरस्वती की हालत लगातार बिगड़ने लगी, तब दोपहर 12 बजे उसे जिला अस्पताल पहुँचाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने जांच के बाद महिला को मृत घोषित कर दिया।घटना का पूरा विवरण घटना के वक्त सरस्वती अकेली खाना बना रही थीं। आवाज सुनने पर परिवार के सदस्य पहुंचे और उन्होंने कंडे के पास देखा तो एक जहरीला सांप पाया, जिसे उन्होंने मार दिया। मगर सांप का विष शरीर में फैल चुका था।
पुलिस ने मृतका के परिजन देवदत्त साहू की रिपोर्ट पर मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।अंधविश्वास बना जान लेवामुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमृत रोहडेलकर ने बताया कि झाड़-फूंक जैसे अंधविश्वास के चक्कर में समय गंवाया जाता है, जिससे पेशेंट की जान चली जाती है। उनका कहना है कि सांप के काटने के तुरंत बाद क्षेत्रीय अस्पताल में पहुँचकर ही उचित इलाज संभव है, क्योंकि अस्पताल में ही एंटीवेनम इंजेक्शन दिए जाते हैं जो कि जहर का असर कम करते हैं।
विशेषज्ञों की सलाह चिकित्सकों के मुताबिक, सांप काटे जाने पर सबसे पहले पीड़ित को शांत रखें और स्थानीय अस्पताल ले जाएँ। कोई भी घरेलू उपाय, तांत्रिक विधि या झाड़-फूंक न करें। विष के फैलाव को रोकने के लिए प्राथमिक उपचार करें लेकिन देरी बिलकुल न करें। सही सूचना और सही समय पर इलाज से अधिकतर सर्पदंश के मामले में जान बचाई जा सकती है।
जागरूकता जरूरी ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी सांप के काटने की घटनाओं में अंधविश्वास और झाड़-फूंक का चलन देखने को मिलता है, जो जानलेवा साबित हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस प्रशासन दोनों ने लोगों को जागरूक करने की अपील की है कि कोई भी सर्पदंश की घटना हो, तुरंत सरकारी अस्पताल जाएं और बिना देर किए उचित इलाज कराएं।