मंत्रालय में नौकरी का झांसा देकर 70 लाख की ठगी, पिता–पुत्र चढ़े अंजोरा पुलिस के हत्थे, एक आरोपी फरार
दुर्ग। मंत्रालय में चपरासी और बाबू की नौकरी लगाने का झांसा देकर भोले–भाले लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले पिता–पुत्र को अंजोरा पुलिस ने धर दबोचा है। इस ठगी रैकेट का मास्टरमाइंड पिता–पुत्र निकले हैं, जबकि उनका एक साथी अभी फरार है। पुलिस ने ठगी से खरीदे गए प्लाट समेत अहम दस्तावेज जब्त कर आरोपियों को जेल भेज दिया है।
मामला ऐसे आया सामने प्रार्थी संतराम देशमुख (उम्र 54 वर्ष, ग्राम चिरवार, थाना अर्जुन्दा, जिला बालोद) ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 02 जुलाई 2022 को आरोपी भेषराम देशमुख (62 वर्ष) और उसका बेटा रविकांत देशमुख (32 वर्ष) अपने साथी अरुण मेश्राम निवासी राजनांदगांव के साथ मिलकर मंत्रालय में सरकारी नौकरी दिलाने का लालच देकर उससे 5 लाख रुपये ले लिए। नौकरी न मिलने पर उसने ठगी की शिकायत दर्ज कराई।
ठगी का कारोबार ऐसे चला आरोपीगण ने नौकरी के नाम पर चपरासी के लिए 2.50 लाख रुपये और बाबू के लिए 4 लाख रुपये तय किए थे।अब तक 12 लोगों से नौकरी का झांसा देकर करीब 70 लाख रुपये ठगने का खुलासा हुआ है।पिता–पुत्र ने अपने हिस्से की रकम से ग्राम कुथरेल में 12 लाख रुपये का प्लॉट खरीदा, जबकि बाकी रकम खर्च कर दी।
गिरफ्तारी और पूछताछअंजोरा पुलिस ने पतासाजी कर 06 सितम्बर 2025 को दोनों आरोपियों को दुर्ग बस स्टैंड से गिरफ्तार किया। पूछताछ में दोनों ने ठगी की रकम स्वीकार की और बताया कि उनका साथी अरुण मेश्राम फरार है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।
जब्त संपत्तिकुथरेल में खरीदे गए प्लॉट की रजिस्ट्रीबैंक पासबुकडायरी एवं अन्य दस्तावेज कानूनी कार्रवाई इस मामले में अपराध क्रमांक 363/25 दर्ज कर आरोपियों के विरुद्ध धारा 420, 34 भादवि के तहत कार्रवाई की गई। गिरफ्तार पिता–पुत्र को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।
पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका इस कार्यवाही में चौकी प्रभारी सउनि संतोष कुमार साहू, प्र.आर. सूरज पांडेय, राकेश सिंह, आर. टोमन देशमुख, बृजमोहन सिंह एवं योगेश चंद्राकर की अहम भूमिका रही।