छत्तीसगढ़ ने रचा इतिहास : बाल विवाह मुक्त भारत अभियान में बड़ी उपलब्धि
रायपुर/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने सामाजिक सुधार की दिशा में ऐतिहासिक कदम बढ़ाते हुए “बाल विवाह मुक्त भारत अभियान” में राष्ट्रीय कीर्तिमान रचा है।

🔹 बालोद जिला देश का पहला बाल विवाह मुक्त जिला – जिले की सभी 436 ग्राम पंचायतें और 9 नगरीय निकाय आधिकारिक रूप से बाल विवाह मुक्त घोषित किए गए। पिछले दो वर्षों में यहां एक भी बाल विवाह का मामला दर्ज नहीं हुआ। यह उपलब्धि प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और समाज की सक्रिय भागीदारी का परिणाम मानी जा रही है।
🔹 सूरजपुर की 75 पंचायतों को भी प्रमाण पत्र – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के 75वें जन्मदिवस पर सूरजपुर जिले की 75 ग्राम पंचायतों को बाल विवाह मुक्त घोषित किया गया।
🔹 मुख्यमंत्री श्री साय का संकल्प – “2028-29 तक पूरा छत्तीसगढ़ बाल विवाह मुक्त होगा। यह केवल सरकारी अभियान नहीं, बल्कि सामाजिक परिवर्तन का संकल्प है।” उन्होंने बताया कि जिन जिलों में पिछले दो वर्षों में बाल विवाह का मामला सामने नहीं आया है, वहां जल्द ही प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे।
🔹 मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े का संदेश – महिला एवं बाल विकास मंत्री ने कहा कि बालोद की सफलता साबित करती है कि समाज और सरकार मिलकर कार्य करें तो कुप्रथाओं का अंत संभव है। यूनिसेफ के तकनीकी सहयोग ने भी इस अभियान को मजबूत बनाया।
छत्तीसगढ़ की यह पहल न केवल राज्य, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत बनी है और बाल विवाह उन्मूलन की दिशा में एक राष्ट्रीय मील का पत्थर साबित होगी।