भिलई। छत्तीसगढ़ी समाज जिला दुर्ग के सिरजना मं गुनान गोष्ठी के आयोजन प्रगति भवन, सिविक सेंटर भिलई मं करई गिस। ए गोष्ठी मं समाज के बुजुर्ग मन, परबुद्ध जन अउ नवयुवक मन भारी संख्या मं उपस्थिति देइन।गोष्ठी के मुख्य विषय रहिस – “छत्तीसगढ़ी भाखा ला सामान्य कामकाज अउ पढ़ई-लिखई के भाखा बनाय जाय”।
गोठियारे मन कहिन कि छत्तीसगढ़ के असली पहिचान ये ह ओकर मातृभाखा आय, जेकर उपयोग प्रशासनिक काम, सिखई-सिकाई अउ रोज के जिनगी मं होना चाही।समाज के विद्वान अउ बुजुर्ग मन अपन विचार रखत कहिन कि नवा पीढ़ी मं छत्तीसगढ़ी भाखा के मान-सम्मान अउ उपयोग बढ़ाना जरूरी हवय, तभेच हमर संस्कृति अउ परंपरा सुरक्षित रहिही।गोष्ठी के आखिरी मं निर्णय ले गिस कि छत्तीसगढ़ी भाखा ला पढ़ई-लिखई अउ सरकारी कामकाज मं लागू कराय बर ठोस पहल करे जाही।
मुख्य अतिथि के रूप मं नरेंद्र कुमार बंछोर रहिन। वो मन सभा ला संबोधित करत कहिन – “छत्तीसगढ़ी संस्कृति ला बचाय बर सिखई-लिखई ला माध्यम बनाय के जरूरत हवय। जेन मन के भावना छत्तीसगढ़ी बर सही अउ अच्छा हवय, ओमन ला सहयोग करे बर सबो ला आगू आना चाही।” बंछोर जी ह गोष्ठी मं बोलईया मन के विचार के खूब सराहना करिन अउ आयोजक मन ला ए सफल आयोजन बर बधाई देइन।
सभा मं 8 महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित कर गे:
1. सरकारी नउकरी मं छत्तीसगढ़िया मन ला प्राथमिकता मिलय।2. न्यायालय, बैंक अउ राज्य के सबो महत्वपूर्ण विभाग मं छत्तीसगढ़ी अनुवादक रखे जाय।
3. आम जनता ला निवेदन कर गिस कि सरकारी काम बर आवेदन छत्तीसगढ़ी मं लिखे जाय, अउ कारवाही नइ होय त आरटीआई घलो छत्तीसगढ़ी मं लगाय जाय।
4. चिकित्सा अउ तकनीकी महाविद्यालय संस्थान मं छत्तीसगढ़ी पाठ्यक्रम अउ शिक्षक रखे जाय।
5. मीडिया मं छत्तीसगढ़ी शब्दकोश मं एकरूपता रहय, हिंदी के अपभ्रंश ला नइ अपनाय जाय।
6. सबो विभाग मं छत्तीसगढ़ी राजभाखा अधिकारी नियुक्त करे जाय।
7. जनगणना मं अपन मातृभाखा छत्तीसगढ़ी लिखाय जाय।
8. छत्तीसगढ़ी राजभाखा आयोग बर 5 करोड़ के सम्मानजनक बजट राखे जाय।
ए गोष्ठी मं प्रमुख रूप से उपस्थिति रहिन:रायपुर आश्रम प्रमुख ऋतेश्वरानंदजी, मालती परगनिहा, कलाकार रजनी रजक, राजेन्द्र परगनिहा, यशवंत वर्मा, संजय देशमुख, पारस नाथ, चंद्रशेखर चंद्राकर, मनहरन टिकरिहा, राजेन्द्र रजक, डिकेन्द्र हिरवानी, नोहर सिंह गजेंद्र, राकेश हिरवानी, डी.पी. देशमुख, पुष्पक राज देशमुख, घनश्याम गजपाल, ढालेश साहू, कामेश साहू, विकास हिरवानी, संदीप चौहान, संजय जंघेल, बलराम चंद्राकर, कवि गजराज, गुलाब दास मानिकपुरी, दीनबंधु साहू, पेनुक नेताम, कृष्णा, बबलू, सहित कई गणमान्य नागरिक।
कार्यक्रम के संचालन केशव साहू करिन।