झूठे नौकरी के झांसे में 10 लाख की ठगी: CDPO पर एफआईआर, सोने के गहने गिरवी रखवाए महिला एवं बाल विकास विभाग में पदस्थ जिला परियोजना अधिकारी रचिता नायडू पर युवती से 10 लाख रुपए की ठगी का मामला दर्ज हुआ है। आरोपी ने खुद को दुर्ग शहरी सीडीपीओ रहते युवती से घरेलू संबंध बनाए और बिलासपुर में बाल संरक्षण अधिकारी की नौकरी लगवाने का झांसा दिया।
बदले में पीड़िता की मां के सोने के गहने गिरवी रखवाकर लाखों रुपए ले लिए। वार्ड 3 मठपारा दुर्ग की 24 वर्षीय श्वेता जांगिड ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि कुछ समय पहले उसकी रचिता नायडू से जान-पहचान हुई थी। रचिता घर आना-जाना करती थी और बातचीत में उसे पता चला कि श्वेता की मां ने उसकी शादी के लिए सोना रखा है। बाद में उसने बताया कि बिलासपुर में जिला बाल संरक्षण अधिकारी की भर्ती निकली है और 5 लाख रुपए में नौकरी लगवा देगी।परिजनों के इंकार के बाद भी रचिता ने श्वेता के मामा को भरोसे में लेकर मां के गहने गिरवी रखवाए और 17 दिसंबर 2024 को 5 लाख रुपए ले गई। तीन-चार महीने बाद उसने 16 लाख और मांगे।
श्वेता द्वारा असमर्थता जताने पर रचिता ने उसे दिनेश राय नाम के व्यक्ति से बात कराई। फिर 21 मई 2025 को श्वेता ने दुबारा मां के गहने गिरवी रखकर रायपुर स्थित रचिता के घर जाकर 5 लाख रुपए और दे दिए। 23 जुलाई को होने वाले इंटरव्यू की सूची में नाम न होने पर जब श्वेता ने संपर्क किया तो उसका नंबर ब्लॉक कर दिया गया। वह मां के साथ रायपुर के मोवा स्थित घर भी गई लेकिन रचिता नहीं मिली।अगले दिन एक व्यक्ति ने खुद को रायपुर टीआई दिनेश जायसवाल बताते हुए धमकी दी कि रचिता के घर के आसपास नजर आने या कॉल करने पर जेल भेज देगा।
शिकायत पर दुर्ग कोतवाली थाना पुलिस ने आरोपी रचिता नायडू और दिनेश राय के खिलाफ धारा 318(4), 3(5) के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू की है। रचिता वर्तमान में अभनपुर में पदस्थ बताई जा रही है।