दहेज की आग में मासूम जली — मां-बेटी ने दी दर्दनाक बलि, जोधपुर में टीचर ने गोद में बेटी संग लगाई आग
जोधपुर, 28 अगस्त 2025।
राजस्थान के जोधपुर से निकली यह घटना दिल को झकझोर देने वाली है। दहेज की प्रताड़ना से तंग आकर एक महिला स्कूल टीचर ने अपनी तीन साल की मासूम बेटी को गोद में लेकर खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली। इस दर्दनाक घटना में दोनों की मौत हो गई। मृतका की पहचान संजू बिश्नोई (32) और उनकी बेटी यशस्वी (3) के रूप में हुई है।
घटना कब और कैसे हुई?
यह हृदयविदारक मामला 22 अगस्त, शुक्रवार को डांगियावास थाना क्षेत्र के सरनाडा गांव में हुआ। संजू, जो सरकारी स्कूल में लेक्चरर थीं, स्कूल से लौटकर घर आईं और लॉबी में कुर्सी पर बैठकर पहले अपनी बेटी और फिर खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग के हवाले कर दिया। यशस्वी की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि संजू गंभीर रूप से झुलस गईं और शनिवार सुबह इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
सुसाइड नोट का खुलासा
पुलिस को घटनास्थल से बरामद सुसाइड नोट में संजू ने पति दिलीप बिश्नोई, सास-ससुर, ननद और गणपत सिंह पर दहेज प्रताड़ना और शारीरिक-मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया। संजू के पिता ने पति व ससुराल पक्ष पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कराया है।
पुलिस कार्रवाई
पुलिस ने संजू का मोबाइल और अन्य सबूत जब्त कर फॉरेंसिक जांच को भेजा।
एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की तलाश जारी है।
एफएसएल टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए हैं।
शव को लेकर विवाद
संजू की मौत के बाद शव की कस्टडी को लेकर मायके और ससुराल पक्ष में विवाद हुआ। अंततः पोस्टमार्टम के बाद दोनों शव मायके पक्ष को सौंपे गए और गमगीन माहौल में मां-बेटी का अंतिम संस्कार किया गया।
जनाक्रोश और सवाल
स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने दहेज प्रथा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। संजू और यशस्वी की मौत ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि 21वीं सदी में भी बेटियां दहेज की आग में क्यों जल रही हैं?